केराटाइटिस (Keratitis) कॉर्निया की सूजन को कहा जाता है। कॉर्निया आंख का वह पारदर्शी बाहरी भाग होता है जो आईरिस (आंख के रंगीन हिस्से) को ढकता है। कई बार केराटाइटिस की स्थिति कॉर्नियल अल्सर (कॉर्निया में घाव) में भी बदल सकती है।
हालांकि केराटाइटिस एक आम आंखों की समस्या है और इसका इलाज संभव है, लेकिन समय पर उपचार न मिलने पर यह दृष्टि को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है और कुछ मामलों में अंधेपन का कारण भी बन सकती है।
इस ब्लॉग में हम केराटाइटिस के लक्षण, प्रकार, कारण, बचाव के उपाय और इलाज के विकल्पों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
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बचाव के उपायों पर जाने से पहले, आइए जानते हैं केराटाइटिस में दिखने वाले कुछ आम लक्षण:
- आंखों में दर्द और तनाव
- लाल और सूजी हुई आंखें
- धुंधला दिखाई देना
- रोशनी के प्रति अधिक संवेदनशीलता
- पलकों को खोलने में परेशानी
- आंखों में रेत या कुछ चुभने जैसा एहसास
केराटाइटिस (Keratitis) के प्रकार
केराटाइटिस के कुछ सामान्य प्रकार निम्नलिखित हैं:
1. बैक्टीरियल केराटाइटिस (Bacterial Keratitis):
यह बैक्टीरिया के कारण होता है और केराटाइटिस का सबसे आम प्रकार है।
2. परजीवी केराटाइटिस (Parasitic Keratitis):
यह एक सिंगल-सेल परजीवी (अमीबा) के कारण होता है।
3. फंगल केराटाइटिस (Fungal Keratitis):
यह फंगस के कारण होता है, जो आमतौर पर पौधों और मिट्टी में पाए जाते हैं।
4. वायरल केराटाइटिस (Viral Keratitis):
शिंगल्स और हर्पीज़ सिम्प्लेक्स जैसे वायरस भी केराटाइटिस का कारण बन सकते हैं।
केराटाइटिस (Keratitis) के कारण
संक्रामक केराटाइटिस के अलावा, गैर-संक्रामक केराटाइटिस के कुछ सामान्य कारण इस प्रकार हैं:
- आंखों में चोट (चाहे दुर्घटना, सर्जरी या पलकों के बार-बार कॉर्निया से रगड़ खाने के कारण)
- आंख में किसी बाहरी वस्तु का चला जाना
- विटामिन A की कमी
- कॉन्टैक्ट लेंस का अत्यधिक या गलत उपयोग
- पराबैंगनी (UV) किरणों के संपर्क में ज्यादा रहना
- पलकों की समस्या या कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण ड्राई आई
केराटाइटिस (Keratitis) से बचाव कैसे करें?
आप निम्न उपाय अपनाकर केराटाइटिस होने की संभावना को कम कर सकते हैं:
- हाथों की साफ-सफाई का ध्यान रखें
- कॉन्टैक्ट लेंस कम समय के लिए पहनें या केवल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही उपयोग करें
- कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर तैराकी या नहाने से बचें
- खेल गतिविधियों के दौरान सुरक्षात्मक चश्मा पहनें
- आंखों को UV किरणों से बचाने के लिए धूप का चश्मा पहनें
केराटाइटिस (Keratitis) का इलाज
केराटाइटिस का इलाज उसकी गंभीरता और प्रकार पर निर्भर करता है:
- लुब्रिकेंट आई ड्रॉप्स – हल्के केराटाइटिस में
- दवाइयां – संक्रामक केराटाइटिस में
- एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स – बैक्टीरियल केराटाइटिस में
- एंटीफंगल आई ड्रॉप्स – फंगल केराटाइटिस में
- एंटीवायरल आई ड्रॉप्स – वायरल केराटाइटिस में
- स्टेरॉयड आई ड्रॉप्स – कॉर्निया की सूजन कम करने के लिए
- ओरल दवाइयां – गंभीर या उन्नत केराटाइटिस में
- कॉर्नियल ट्रांसप्लांट – बहुत गंभीर मामलों में, जब कॉर्निया में स्थायी दाग या नुकसान हो जाए
डॉक्टर से कब संपर्क करें?
यदि आपको ऊपर बताए गए किसी भी लक्षण का अनुभव हो, तो तुरंत आंखों के डॉक्टर से संपर्क करें। आप सोहाना आई हॉस्पिटल में अपॉइंटमेंट लेकर पंजाब के अनुभवी नेत्र विशेषज्ञों से केराटाइटिस का इलाज करवा सकते हैं।रोकथाम इलाज से बेहतर होती है, लेकिन यदि आप केराटाइटिस से प्रभावित हो जाते हैं, तो निश्चिंत रहें कि सोहाना आई हॉस्पिटल की विशेषज्ञ ऑप्थैल्मोलॉजिस्ट्स की टीम आपको सर्वोत्तम और किफायती इलाज प्रदान करेगी।