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उम्र से जुड़ा मैकुलर डिजनरेशन (AMD): चरण, संकेत और आँखों के डॉक्टर को कब दिखाएँ

उम्र से जुड़ा मैकुलर डिजनरेशन (AMD) - चरण, संकेत और आँखों के डॉक्टर को कब दिखाएँ

मैक्युलर डिजनरेशन भारत में बहुत से लोगों को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखा जाता है। हालाँकि, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से इसकी प्रगति को धीमा किया जा सकता है। इसके अलावा, नियमित आँखों की जाँच से इस बीमारी का समय रहते पता लगाया जा सकता है। यह जानना ज़रूरी है कि इस बीमारी को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन मैनेज ज़रूर किया जा सकता है।

मैक्युलर डिजनरेशन दुनिया भर में दृष्टि हानि का एक प्रमुख कारण है। इंडियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल ऑप्थैल्मोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, भारत के उत्तर क्षेत्र में AMD की प्रचलन दर 4.7% है।

यदि आपकी नज़र में बदलाव आ रहा है या नज़र कम हो रही है, तो आपको किसी अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से आँखों की जाँच करवानी चाहिए। 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को आदर्श रूप से हर साल आँखों की पूरी जाँच करवानी चाहिए।

मैक्युलर डिजनरेशन या एज-रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) क्या है?

मैक्युलर डिजनरेशन या एज-रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन (AMD) एक आँखों की बीमारी है, जो मैक्युला को नुकसान पहुँचाती है। मैक्युला रेटिना का केंद्रीय भाग होता है, जो साफ़ और सीधी देखने की क्षमता के लिए ज़िम्मेदार होता है।

AMD से पीड़ित व्यक्ति को सामने की चीज़ें देखने में परेशानी हो सकती है, जबकि आमतौर पर साइड की नज़र (परिधीय दृष्टि) बनी रहती है।

यह समस्या तब होती है जब रेटिना के नीचे ड्रूज़न (लिपिड और प्रोटीन से बने जमाव) जमा हो जाते हैं। इससे रेटिना में सूजन आ जाती है और वह मुड़ने लगती है, जिसके कारण केंद्रीय दृष्टि धुंधली या टेढ़ी दिखाई देने लगती है।

जब बीमारी आगे बढ़ जाती है, तो रेटिना के नीचे असामान्य रक्त नलिकाएँ बनने लगती हैं, जिनसे तरल या खून रिस सकता है। इससे अचानक और गंभीर दृष्टि हानि हो सकती है। AMD एक या दोनों आँखों को प्रभावित कर सकता है, और इसकी गंभीरता अलग-अलग हो सकती है।

किन लोगों को जोखिम ज़्यादा होता है?

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, एज-रिलेटेड मैक्युलर डिजनरेशन उम्र बढ़ने के साथ ज़्यादा होता है, विशेषकर 40 वर्ष के बाद। हालाँकि, कुछ अन्य कारणों से यह कम उम्र में भी हो सकता है:

  • परिवार में किसी को AMD होना
  • ज़्यादा वज़न होना
  • धूम्रपान
  • उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन)
  • सैचुरेटेड फैट का ज़्यादा सेवन

ड्राई और वेट मैक्युलर डिजनरेशन में क्या अंतर है?

AMD के दो प्रकार होते हैं – ड्राई AMD और वेट AMD

ड्राई AMD ज़्यादा आम है। लगभग 90% लोग इसी प्रकार से प्रभावित होते हैं। कुछ मामलों में यह आगे चलकर वेट AMD में बदल सकता है।

ड्राई AMD में रेटिना के नीचे ड्रूज़न जमा हो जाते हैं। आँखों की जाँच के दौरान नेत्र विशेषज्ञ रेटिना पर ये छोटे पीले जमाव देख सकते हैं। अलग-अलग स्कैन, टेस्ट और तस्वीरों की मदद से रेटिना की परतों का विश्लेषण किया जाता है, जिससे बीमारी की अवस्था का पता चलता है।

वेट AMD सबसे उन्नत अवस्था होती है। इसमें असामान्य रक्त नलिकाएँ बन जाती हैं, जिनसे रिसाव होने के कारण नज़र में गंभीर गिरावट आ सकती है।

मैक्युलर डिजनरेशन के चरण कौन-से हैं?

ड्राई मैक्युलर डिजनरेशन के तीन चरण होते हैं। शुरुआती चरणों में आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते, लेकिन नेत्र विशेषज्ञ आँखों की जाँच में संकेत पहचान सकते हैं।

चरणलक्षण
शुरुआतीमैक्युला में बदलाव होते हैं, लेकिन नज़र प्रभावित नहीं होती
मध्यनज़र धुंधली या लहरदार हो सकती है
अंतिम (उन्नत)केंद्रीय दृष्टि पूरी तरह खत्म हो सकती है

वेट AMD पहले से ही उन्नत अवस्था में माना जाता है।

मैक्युलर डिजनरेशन के लक्षण क्या हैं?

केंद्रीय दृष्टि का कम होना इसका शुरुआती संकेत हो सकता है। पढ़ते समय शब्दों के बीच का हिस्सा गायब-सा लग सकता है। गाड़ी चलाते समय सामने की नज़र धुंधली या धूसर दिख सकती है।

उन्नत अवस्था में सीधी रेखाएँ टेढ़ी या मुड़ी हुई दिखाई देने लगती हैं। ऐसा केंद्रीय दृष्टि के अचानक और गंभीर रूप से कम होने के कारण होता है।

कई लोगों में बीमारी बढ़ने तक कोई लक्षण नहीं दिखते। इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखें, तो सावधान हो जाएँ:

  • कम रोशनी में देखने में दिक्कत
  • धुंधली नज़र
  • रंगों को देखने में बदलाव
  • नज़र कम होना
  • सीधी रेखाएँ टेढ़ी या लहरदार दिखना
  • देखने के क्षेत्र में काले या खाली धब्बे दिखना

कई बार लोगों को वर्षों तक हल्की केंद्रीय दृष्टि हानि रहती है, बिना ज़्यादा असर के।
लेकिन अगर ड्राई AMD, वेट AMD में बदल जाए, तो नज़र में तेज़ और गंभीर गिरावट आ सकती है, जो अंधेपन तक ले जा सकती है।

आँखों के डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

अगर आपकी उम्र 40 वर्ष से ज़्यादा है या आप जोखिम वाले समूह में आते हैं, तो नियमित रूप से आँखों की जाँच करवानी चाहिए।

अमेरिकन ऑप्टोमेट्रिक एसोसिएशन के अनुसार, उम्र और जोखिम के आधार पर आँखों की जाँच का समय इस प्रकार है:

उम्रकम जोखिमजोखिम वाले
जन्म से 2 वर्ष6–12 महीने के बीच6–12 महीने के बीच या डॉक्टर की सलाह अनुसार
3 से 5 वर्ष3–5 वर्ष में कम से कम एक बार3–5 वर्ष में एक बार या सलाह अनुसार
6 से 17 वर्षपहली कक्षा से पहले और हर सालपहली कक्षा से पहले और हर साल
18 से 39 वर्षहर दो साल में एक बारहर साल या सलाह अनुसार
40 से 64 वर्षहर दो साल में एक बारहर साल या सलाह अनुसार
65 वर्ष और उससे अधिकहर सालहर साल या सलाह अनुसार

अगर आपने नियमित जाँच नहीं करवाई है और ऊपर बताए गए AMD के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो देर न करें और तुरंत किसी अच्छे नेत्र विशेषज्ञ से अपॉइंटमेंट लें।

उत्कृष्ट नेत्र देखभाल के लिए सोहाना आई हॉस्पिटल एक भरोसेमंद नाम है। 1995 में स्थापित यह अस्पताल अनुभवी नेत्र विशेषज्ञों, चंडीगढ़ के बेहतरीन रेटिना स्पेशलिस्ट, अत्याधुनिक तकनीक और विश्व-स्तरीय सुविधाओं के साथ मरीजों को सर्वोत्तम नेत्र सेवाएँ प्रदान करता है।

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Editorial Team - Sohana Eye Hospital

This article has been written and reviewed by the Editorial Team at Sohana Hospital - a dedicated group of healthcare professionals, eye doctors, and medical writers committed to bringing you accurate, reliable, and easy-to-understand health information. Guided by our mission to care, cure, and educate, we ensure every piece of content is backed by medical expertise so that you can make informed decisions about your health and well-being.

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